CM मोहन यादव का बड़ा एक्शन, हरदा के राजपूत छात्रावास में लाठीचार्ज करने पर हटाए 5 अधिकारी

Anand Sarvare

04/08/2025

हरदा। 13 जुलाई को करणी सेना पर हुए लाठी चार्ज मामले के 15 दिन बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्रवाई की है। हरदा में करणी सेना परिवार के आंदोलन के दौरान राजपूत छात्रावास में पुलिस ने घुसकर लाठीचार्ज किया था। मुख्यमंत्री अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आरडी प्रजापति, एसडीएम कुमार शानू देवड़िया और एसडीओपी अर्चना शर्मा को हटा दिया है।

इसके अलावा कोतवाली टीआई प्रहलाद सिंह मर्सकोले और यातायात थाना प्रभारी संदीप सुनेश को नर्मदापुरम आईजी कार्यालय में अटैच किया है। गौरतलब है कि 16 जुलाई को सीएम ने दुबई यात्रा के दौरान ही हरदा लाठीचार्ज प्रकरण की जांच के आदेश दिए थे। जांच में पुलिस अफसरों की गलती पाए जाने के बाद मुख्यमंत्री ने ये एक्शन लिया है।

सीएम मोहन यादव ने ट्वीट कर दी जानकारी

इस मामले में सीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर जानकारी देते हुए लिखा कि “हरदा जिले में 13 जुलाई को राजपूत छात्रावास में घटित प्रकरण की जांच के उपरांत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एसडीएम एवं एसडीओपी को तत्काल प्रभाव से हरदा जिले से हटाया है। थाना प्रभारी कोतवाली एवं थाना प्रभारी (ट्रैफिक) को नर्मदापुरम आईजी कार्यालय में अटैच किया है। समाज के छात्रावास में अनुचित बल प्रयोग एवं स्थिति को संवेदनशील रूप से निराकरण करने में की गई लापरवाही को लेकर यह एक्शन लिया गया है।

राजपूत समाज के साथ सर्वसमाज हुआ था आहत

पुलिस की इस बर्बरतापूर्ण कार्यवाही से न केवल राजपूत समाज बल्कि सर्व समाज आहत हुआ। इस घटना के विरोध में 19 जुलाई को सम्पूर्ण हरदा जिला बंद रहा था। इस दौरान क्षेत्रीय विधायक डॉ. आरके दोगने सहित सभी जन प्रतिनिधियों एवं राजनीतिक दलों ने पुलिस की इस कार्रवाई की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री से न्यायिक जांच की मांग की थी, जिस पर मुख्यमंत्री ने एक्शन लेते हुए जांच के आदेश दिए थे। इसी संदर्भ में सीएम ने रविवार को घटना से संबंधित पुलिस अधिकारी एवं प्रशासनिक अधिकारी को हटा दिया।

क्या था पूरा मामला?

दिसंबर 2024 में करणी सेना के आशीष राजपूत ने इंदौर के एक व्यापारी से 20 लाख रुपये का हीरा खरीदा था। बाद में जब हीरे की जांच कराई गई तो वह नकली निकला। आशीष की शिकायत पर हरदा पुलिस ने विकास लोधी, मोहित वर्मा और उमेश तपानिया पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया। इसके बाद पुलिस ने आरोपित मोहित को जिला न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। 12 जुलाई शाम को करणी सेना जिलाध्यक्ष सुनील सिंह राजपूत सहित अन्य युवा सिटी कोतवाली थाना पहुंचे, जहां पुलिस अधिकारियों से उनकी बहस हो गई। इसके बाद सभी पर लाठीचार्ज कर जिलाध्यक्ष व धोखाधड़ी का शिकार हुए आशीष राजपूत सहित चार लोगों पर मामला दर्ज कर जेल भेज दिया था।

इसके बाद से ही खंडवा बायपास पर चक्काजाम किया गया, जो 13 जुलाई सुबह 10 बजे तक जारी रहा, जिसे पुलिस ने बलपूर्वक समाप्त किया। बाद में पुलिस ने करणी सैनिकों पर दिन में अलग अलग चार स्थानों पर चार बार लाठीचार्ज किया था। पूरा शहर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था। शहर में प्रवेश करने वाले सभी प्रमुख रास्तों पर पुलिस अधिकारी और जवान तैनात कर दिए थे। सैकड़ों करणी सैनिकों को देखते हुए हरदा सहित आसपास के छह जिलों का पुलिस बल तैनात किया गया था।

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